विज्ञान और गणित का बड़ा घनिष्ठ संबंध है। प्रायः यह कहा जाता है कि गणित विज्ञान के हाथ पैर हैं। बिना गणित के विज्ञान की शिक्षा अधूरी रहती है। विज्ञान में प्रयोग द्वारा प्राप्त निरीक्षकों से कोई निष्कर्ष निकालने में गणित अत्यंत आवश्यक है। गोलीय धरातल से प्रकाश के परावर्तन और वर्तन आदि में गणित का ही उपयोग होता है।
इसी प्रकार प्रकाश संबंधी अनेक सिद्धांत सिद्ध करने के लिए गणित की आवश्यकता होती है।
• गति, त्वरण, अश्वशक्ति, आंकड़े का ग्राफ आज गणित के विषय होते हुए भी विज्ञान के अंतर्गत आते हैं। ऊंची कक्षाओं में तो विज्ञान का बहुत कुछ ज्ञान गणित में ही पढ़ाया जाता है।
• जैसे बीएससी कक्षाओं में हाइड्रोस्टेटिक्स पढ़ाई जाती है, हाइड्रोस्टेटिक्स में घनत्व आपेक्षिक घनत्व आदि विषय ही हैं जो विज्ञान के विषय हैं।
• इसी प्रकार एमएससी कक्षाओं में गणित में हाइड्रोमकैनिक से तथा ज्योतिष पढ़ाई जाती है।
• ज्योतिष में भी प्रकाश का अपवर्तन परावर्तन आदि विज्ञान की अनेक बातें होती हैं।
इसी प्रकार भौतिक विज्ञान तथा रसायन विज्ञान आदि विषयों में भी गणित का बड़ा उपयोग होता है। इस तरह विज्ञान और गणित में गहरा संबंध है।