Synonyms and Antonyms
Synonyms and Antonyms, Both are very important in english vocabulary. A synonym is a word, morpheme, or phrase that means exactly or nearly the same as another word, morpheme, or phrase in the same language. For example, the words begin, start, commence, and initiate are all synonyms of one another; they are synonymous. Wikipedia Antonyms are […]
महादेवी वर्मा कविताए और व्याख्या
आधुनिक हिंदी काव्य पाठ्यक्रम में महादेवी वर्मा की निम्न कवितायें निर्धारित है- नीर भरी दुख की बदली मधुर-मधुर मेरे दीपक जल शलभ मैं शापमय वर हूँ कौन तुम मेरे हृदय में तुम यह क्षितिज अब प्रत्येक कविता के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गयी है। आधुनिक हिंदी काव्य के अंतर्गत महादेवी वर्मा कविताए और उनकी […]
आधुनिक हिन्दी काव्य
आधुनिक हिंदी काव्य, कई विश्वविद्यालय के बी॰ ए॰ पाठ्यक्रम के हिंदी साहित्य विषय का एक प्रश्न पत्र है। हिन्दी काव्य का आधुनिक काल 1850 से आरम्भ होता है। इसी युग मे हिन्दी पद्य के साथ साथ गद्य का भी विकास हुआ। जन संचार के विभिन्न साधनों जैसे रेडिओ व समाचार पत्र का विकास इसी समय हुआ था। जिसका प्रभाव आधुनिक हिन्दी काव्य पर भी पड़ा। आधुनिक […]
सुमित्रानंदन पंत कविताए और व्याख्या
सुमित्रानंदन पंत कविताए और व्याख्या से सम्बंधित प्रश्न BA में पूछे जाते है। पंत की काव्य कृति चिदंबरा पर इन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ है। पंत ने अपनी कविता नौका विहार में जिस चांदनी रात का वर्णन किया है। वह शुक्ल पक्ष की दशमी की तिथि की उदित चांदनी का वर्णन है। कभी चांदनी रात […]
कामायनी श्रद्धा सर्ग
कामायनी का अर्थ है- “काम गोत्रजा”। कामायनी में कुल 15 सर्ग है। कामायनी श्रद्धा सर्ग में मनु व श्रद्धा को चित्रित किया गया है। काम की पुत्री होने के कारण श्रद्धा का दूसरा नाम कामायनी है। कामायनी महाकाव्य में शांत, श्रृंगार और वीर रस का प्रयोग हुआ है। कामायनी आधुनिक युग का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य है। […]
सरोज स्मृति
सरोज स्मृति सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का एक शोक गीत है। जिसमें कवि ने अपनी युवा कन्या सरोज की अकाल मृत्युपर अपने शोक संतप्त हृदय के उद्गार व्यक्त किए हैं। इस प्रसिद्ध लोकगीत में जीवन की पीड़ा और संघर्षों के हलाहल का पान करने वाले कविवर निराला के निजी जीवन के कुछ अंशों का उद्घाटन भी […]
साकेत अष्टम सर्ग
साकेत महाकाव्य मैथिलीशरण गुप्त की रचना है। भारतीय एवं पाश्चात्य दोनों ही दृष्टि से साकेत की कथावस्तु गरिमा संपन्न है। साकेत अष्टम सर्ग की कथावस्तु का निर्माण मानवता की श्रेष्ठता का प्रतिस्थापन करने के लिए किया गया है। गुप्तजी ने इसमें संपूर्ण कथा को ना पकड़कर कुछ मार्मिक एवं हृदय स्पर्शी प्रसंगों को ही पकड़ा है। साकेत […]
सामाजिक परिवर्तन एवं नियंत्रण
सामाजिक परिवर्तन एवं नियंत्रण नाम का प्रश्न पत्र बी०ए० पाठक्रम के समाजशास्त्र विषय के अंतर्गत आता है। संपूर्ण पाठ्यक्रम को चार भागों में विभाजित किया गया है। इस पोस्ट के अंतर्गत, प्रत्येक यूनिट को संक्षेप में लिखा गया है। कुछ विश्वविद्यालयों में यह प्रश्न पत्र बहुविकल्पी रूप से पूछा जाता है, तो कुछ जगह पर […]