वैदिक गणित का महत्व बताइए।
प्राचीन काल से ही शिक्षा के क्षेत्र में गणित का मुख्य स्थान रहा है। गणित के बारे में जैन गणितज्ञ ‘महावीर आचार्य जी’ ने अपनी ‘गणित सार संग्रह’ नामक पुस्तक में अत्यंत प्रशंसा की है तथा कहा है कि – ” लौकिक, वैदिक तथा सामाजिक जो जो व्यापार हैं उन सभी में गणित का उपयोग […]
गणित के क्षेत्र के बारे में बताइए।
आज का युग वैज्ञानिक युग है। इस समय में प्रत्येक कार्य गणना के आधार पर ही होता है। हमारे दैनिक जीवन से लेकर प्रकृति के अंत तक सभी कार्य गणित का योगदान है। बालक जन्म के बाद जब ज्ञान प्राप्त करता है तो उसको सबसे पहले एक चांद, एक सूरज तथा एक प्रकृति के बारे […]
विज्ञान और गणित में क्या संबंध है?
विज्ञान और गणित का बड़ा घनिष्ठ संबंध है। प्रायः यह कहा जाता है कि गणित विज्ञान के हाथ पैर हैं। बिना गणित के विज्ञान की शिक्षा अधूरी रहती है। विज्ञान में प्रयोग द्वारा प्राप्त निरीक्षकों से कोई निष्कर्ष निकालने में गणित अत्यंत आवश्यक है। गोलीय धरातल से प्रकाश के परावर्तन और वर्तन आदि में गणित […]
भूगोल और गणित में क्या संबंध है?
पैमाने के अनुसार रेखाचित्र बनाना, दो स्थानों के बीच की दूरी नापना, नदियों और शहरों की लंबाई बताना, पहाड़ों और तालाबों की ऊंचाई व गहराई की चर्चा करना, किसी स्थान की जनसंख्या आदि भूगोल और गणित दोनों के अंतर्गत आते हैं। क्षेत्रफल संबंधी ज्ञान, सेंटीमीटर में वर्षा, अंश में तापमान, आंकड़ों में ग्राफ आदि के […]
ड्राइंग और गणित में क्या संबंध है?
ड्राइंग और हस्तकला का संबंध भी गणित से बड़ी सरलता से जोड़ा जा सकता है। गणित में रेखा गणित और ठोस ज्यामिति की आकृतियां, क्षेत्रफल, आयतन व फील्डबुक के रेखाचित्र और आंकड़ों के ग्राफ आदि बनाने का बहुत काम पड़ता है। साथ में चित्रों व आकृतियों की सुंदरता ड्राइंग खींचने की पटुता पर ही निर्भर […]
हरबर्ट उपागम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
हरबर्ट महोदय के अनुसार बालक अनुभव द्वारा ज्ञानार्जन करता है। यह अनुभव बालक को बाय जगत से संपर्क स्थापित करने से प्राप्त होते हैं। उसके द्वारा प्राप्त किया गया ज्ञान धीरे-धीरे संचित होता रहता है तथा इन्हीं अनुभवों से बालक के मन की रचना होती है। हरबर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि नवीन ज्ञान का […]
मूल्यांकन उपागम से आप क्या समझते हैं?
डॉक्टर बी एस ब्लूम द्वारा निर्धारित शिक्षण योजना को मूल्यांकन कहते हैं। यह उपागम उद्देश्य केंद्रित है। विद्यालयों में शिक्षण उपरांत बालकों के व्यवहार में होने वाले परिवर्तनों के संबंध में प्रमाणों के संकलन करने तथा उनकी व्याख्या करने की प्रक्रिया को ही मूल्यांकन उपागम कहते हैं। किस उपागम में पाठ का मूल्यांकन भी इस […]
मौखिक गणित का अभ्यास कराते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
गणित का अभ्यास कराते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए-1. मौखिक गणित के प्रश्नों में केवल छोटी-छोटी संख्याओं का ही प्रयोग करना चाहिए।2. प्रश्न छोटे छोटे होने चाहिए, जिससे छात्र सरलता से समझ सके।मौखिक प्रश्नों में जटिल घटनाओं को कराने का प्रयास नहीं करना चाहिए।3. मौखिक प्रश्न छात्रों की योग्यता अनुसार पूछे जाने […]
“गणित एक नीरस एवं शुष्क विषय है।” इस कथन से आप कहां तक सहमत हैं?
गणित की सहायता से बालकों में अमूर्त तथा तार्किक चिंतन का विकास होता है। साथ ही उनमें आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता आज घोड़ों के विकसित होने के पर्याप्त अवसर मिलते हैं। गणित ही एक ऐसा विषय है जिसके ज्ञान की आवश्यकता अजीवन रहती है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को गणित के ज्ञान की आवश्यकता होती है। रोजी […]
गणित शिक्षण में प्रयोगशाला की आवश्यकता की व्याख्या कीजिए।
प्रयोगशाला में बालक स्वयं करके सीखने का प्रयास करता है जिससे उसका ज्ञान स्थाई हो जाता है। जबकि सैद्धांतिक ज्ञान केवल रखने पर बल देता है यह अस्थाई होता है। प्रयोगशाला का ज्ञान बालक में रुचि उत्पन्न करता है। प्रयोगशाला का गणित के शिक्षण में बहुत महत्व है जो निम्न है:- 1. प्रयोगशाला में बालक […]
गणित शिक्षक का विद्यालय में क्या महत्व है?
किसी भी राष्ट्र की शिक्षा को वहां के परिप्रेक्ष्य व संस्कृति से ही समझा जा सकता है। शिक्षा की प्रक्रिया में अध्यापक का स्थान महत्वपूर्ण होता है। अध्यापक की विद्यालय तथा शिक्षण प्रक्रिया की वास्तविक रूप से गत्यात्मक शक्ति है। अध्यापक ही समाज की रूढ़िवादी परंपराओं को शिक्षा के माध्यम से दूर करने की कोशिश […]
गणित की अच्छी पाठ्यपुस्तक की विशेषताएं बताइए।
अध्यापकों को गणित पाठ्य पुस्तकों को चुनते समय सही तथ्यों का सही प्रकार से विवेचना कर लेना चाहिए। निम्नलिखित विशेषताओं से युक्त पाठ्यपुस्तक ही चयनित करना चाहिए:- 1. पुस्तक का लेखक अनुभवी व्यक्ति होना चाहिए2. पुस्तक सुंदर एवं मनोवैज्ञानिक शैली में लिखी हो3. पाठ्यपुस्तक छात्रों की आयु, स्तर, बुद्धि के अनुकूल होनी चाहिए।4. गणित पाठ्यपुस्तक […]
गणित शिक्षण विधि
गणित शिक्षण विधि प्रश्न पत्र का मुख्य उद्देश्य गणित विषय को कैसे पढ़ाया जाए यह प्राप्त करने के लिए किया गया है। PEDAGOGY OF MATHEMATICS, नाम से भी यह विषय प्रचलित है। इसमें तो पहले यह सिखाया जाता है कि गणित है क्या? गणित विषय का अर्थ बताया जाता है। गणित विषय का महत्व बताया […]
दशमलव एवं दशमलव संक्रियाएं
भिन्न (a/b) में b से a को भाग करने पर शेषफल 0 प्राप्त होने तक प्राप्त भागफल दशमलव संख्या प्राप्त होती है। दशमलव संख्या से भिन्न को प्राप्त किया जा सकता है। दशमलव भिन्न दशमलव युक्त संख्याओं को जब भिन्न के रूप में परिवर्तित किया जाता हैं, तो हमें दशमलव भिन्न प्राप्त होती है। दशमलव […]
संख्याएं एवं संक्रियाएं
संख्याएं एवं संक्रियाएं: जिस पद्धति से संख्याओं को लिखा जाता है और उसका मान प्राप्त किया जाता है उसे संख्या पद्धति कहते है। संख्याएं संख्याओ का योग विभाजिता के नियम पहाड़ा इकाई का अंक ज्ञात करना https://sarkarifocus.com/courses/ssc-mathematics-rs-aggarwal/
10th Math Unsolved Question
कक्षा 10 की गणित में 4 अंक के प्रश्न किसी भी अध्याय से पूछे जा सकते हैं। कक्षा 10 के गणित के पेपर में कुल 8 प्रश्न चार नंबर के हल करने होते हैं, जो कि 70 नंबर के पेपर में 32 अंक के होते हैं। एक सामान्य विद्यार्थी 8 में से 6 प्रश्नों को […]
पाठ योजना
पाठ योजना का तात्पर्य किसी पाठ को विशिष्ट उद्देश्य एवं अपेक्षित व्यवहारी परिवर्तनों की प्राप्ति के संदर्भ में आकर्षक ढंग से नियोजित करने से है। यह कक्षा शिक्षण की पूर्व क्रियात्मक अवस्था कहलाती है। दैनिक पाठ योजना प्रभावी शिक्षण उपकरण के रूप में प्रयोग की जाती है। शिक्षण प्रक्रिया के दौरान पाठ योजना छात्रों की […]
गणित शिक्षण में पाठ्यपुस्तक का महत्व
पाठ्य पुस्तक का उपयोग करने में विशेष सावधानी आवश्यक है। गणित में पाठ्य पुस्तक का महत्व विशेष ही है। पाठ्य पुस्तक का प्रयोग इस प्रकार से किया जाए कि बालक शिक्षक द्वारा मौखिक विधि से सीखने के पश्चात पाठ को और अधिक दृढ़ता से हृदय गम कर ले। अतः गणित की पाठ्यपुस्तक का स्थान अध्यापक […]
गणित प्रयोगशाला
वैसे तो गणित प्रयोगशाला विद्यालय से विद्यालय में अलग-अलग रूप से व्यवस्थित की जाती है। विद्यालय में गणित प्रयोगशाला होने से विद्यार्थियों को प्रयोगशाला विधि से और अधिक से अधिक सीखने का अवसर मिल जाता है। एक गणित की प्रयोगशाला में निम्न सुविधाएं होना चाहिए। गणित प्रयोगशाला एक गणित की प्रयोगशाला में निम्न सुविधाएं होना […]
आदर्श गणित अध्यापक के गुण
वैसे तो अध्यापक कई प्रकार के होते हैं, लेकिन आदर्श अध्यापक कुछ विशेष ही होते हैं। भारत की अनेक संस्थाएं अध्यापकों का भी मूल्यांकन करती हैं। मूल्यांकन के अनुसार उनका प्रमोशन भी किया जाता है। आदर्श शिक्षक विद्यार्थियों और समाज के लिए वरदान साबित होते हैं। सभी विषयों में गणित विषय कुछ अलग सा ही […]
गणित शिक्षण के उद्देश्य
गणित शिक्षण के उद्देश्य – विद्यालय में भिन्न-भिन्न विषयों का पाठन होता है, प्रत्येक विषय का अपना अपना अस्तित्व तथा महत्व होता है। इसके साथ ही प्रत्येक विषय को पाठ्यक्रम में रखने का एक ध्येय होता है, विषय का महत्व उसके द्वारा प्राप्त किए जाने वाले उद्देश्यों से जाना जा सकता है। प्रत्येक विषय के […]
गणित शिक्षण के मूल्य
वास्तविक रूप से गणित विषय को इतना अधिक महत्व देने, अनिवार्य विषय बनाने तथा इसके अध्ययन से बच्चों को विभिन्न लाभ होते हैं, जिनको हम गणित शिक्षण के मूल्य भी कहते हैं। अर्थात बच्चों को गणित पढ़ाए जाने से होने वाले लाभ का अध्ययन गणित शिक्षण के मूल्यों में किया जाता है। गणित शिक्षण के […]
पाइथागोरस और उनके योगदान
गणित के क्षेत्र में अनेक विद्वान हुए हैं जिनमें से पाइथागोरस भी उच्च कोटि के गणितज्ञ रहे हैं। इनका जन्म ग्रीस के निकट एलियन सागर के मध्य, समोस नामक द्वीप में ईसा से लगभग 580 वर्ष पूर्व हुआ था। उनके पिताजी का देहांत बचपन में ही हो गया था। उनके निर्देश पर पाइथागोरस ने मिस्र […]
रैनी देकार्ते के योगदान
रैनी देकार्ते एक फ्रेंच दार्शनिक था। उसने मात्र 8 वर्ष की आयु में कॉलेज में प्रवेश लिया तथा परंपरागत विषयों जैसे गणित, भौतिक तर्क तथा प्राचीन भाषाओं में शिक्षा ग्रहण की। स्कूल जीवन में उनका स्वास्थ्य बहुत खराब रहता था जिसकी वजह से उन्हें सुबह 11:00 बजे तक बिस्तर पर रहने की अनुमति थी तथा […]
यूक्लिड और उनके ग्रंथ
यूक्लिड का जन्म ईसा से लगभग 300 वर्ष पूर्व सिकंदरिया में हुआ। मिस्र के निवासी बनकर भी इन्होंने ग्रीक व्यक्तित्व नहीं छोड़ा। अपने पूर्वज ग्रीक गणितज्ञों की तरह के गणित को विशुद्ध गणितीय दृष्टि से देखते थे। उन्होंने अपने देश में एक संग्रहालय स्थापित किया था जो समय के साथ-साथ एक ग्रंथालय में बदल गया […]
गणित का इतिहास
गणित अत्यंत प्राचीन एवं महत्वपूर्ण विषय है। भारतवर्ष में वैदिक काल में गणित का स्थान सर्वोपरि रहा है। वेदांग ज्योतिष में गणित की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है की जिस प्रकार मयूर ओं की शाखाएं और सड़कों की मडिया उनके शरीर पर मस्तक पर विराजमान हैं। उसी प्रकार वेदों के सब अंगों […]
गणित की प्रकृति
होम वन ने कहा कि गणित सभ्यता का प्रतिबिंब है मानव जाति की उन्नति तथा सभ्यता के विकास में गणित का विशेष योगदान रहा है। इसमें गणित की प्रकृति अत्यधिक महत्वपूर्ण है। The study of mathematics is so easy that it is for snow real mental discipline. Hamilt गणित की प्रकृति गणित की प्रकृति कैसी […]
आधुनिक गणित का विकास
आधुनिक गणित का विकास मंद गति से हुआ है तथा इसका वर्तमान स्वरूप एक लंबी अवधि से सतत प्रयासों का फल है। मनुष्य ने सर्वप्रथम अंको का प्रयोग करना कब सीखा या निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता परंतु या अवश्य निश्चित है कि गिनने का ज्ञान मनुष्य को अति प्राचीन काल से ही […]
गणित की भाषा और व्याकरण
गणित की भाषा गणितज्ञों के द्वारा आपस में गणितीय विचारों के संवाद करने की प्रणाली है गणित की भाषा गणितीय सूत्रों के लिए अत्यंत विशिष्ट इक्रित प्रतीकात्मक संकेतन गणितीय वार्तालाप हेतु उचित तकनीकी पदों व व्याकरण परंपराओं का उपयोग करने वाली किसी प्राकृतिक भाषा के सार को समाहित करती है सामान्य रूप में प्राकृतिक भाषाओं […]
गणित की विशेषताएं
गणित की विशेषताएं – गणित विषय की अपनी एक अलग प्रकृति है। जिसके आधार पर हम उसकी तुलना किसी अन्य विषय से कर सकते हैं। किन्ही दो या दो से अधिक विषयों की तुलना का आधार उन विषयों की प्रकृति ही है जिसके आधार पर हम विषय के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। गणित […]