सूर्य
सौरमंडल का जन्मदाता सूर्य कहा जाता है। सूर्य दुग्धमेखला के केंद्र से लगभग 3000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर एक कोने में स्थित है। सूर्य दुग्धमेखला मंदाकिनी के केंद्र के चारों ओर 250 किलोमीटर प्रति सेकंड गति से परिक्रमा कर रहा है। सूर्य अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर घूमता है। सूर्य एक […]
मृदा प्रदूषण
मृदा के किसी भी भौतिक रासायनिक और जैविक घटक में आवांछनीय परिवर्तन को मृदा प्रदूषण कहते हैं। मृदा प्रदूषण न केवल विस्तृत वनस्पति को प्रभावित करता है बल्कि यह मिट्टी के सूक्ष्म जीवों की संख्या में परिवर्तन कर देते हैं, जो कि मृदा को उपजाऊ बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है। मृदा प्रदूषण के […]
पारिस्थितिकी
पृथ्वी पर समस्त प्राणी भौतिक वातावरण एवं उद्विकास यह प्रक्रिया पथ तथा आपसी संबंधों द्वारा जुड़े हुए हैं। एक सजीव दूसरे को भोजन व आवास प्रदान कर सकता है या एक दूसरे के लिए उपयोगी तथा हानिकारक पदार्थ पैदा कर सकता है। दोनों भोजन व आवास के लिए संघर्ष कर सकते हैं। अतः सजीव का […]
भारत में कंपनी राज का प्रभाव
भारत में कंपनी राज का प्रभाव – अंग्रेजों ने भारत के विशाल साम्राज्य पर कब्जा जमाने के बाद उस पर नियंत्रण रखने और शासन चलाने के तरीके तैयार किए। प्लासी के युद्ध 1757 ईस्वी से प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 ईस्वी की 100 वर्षों की लंबी अवधि के दौरान भारत पर कंपनी की पकड़ को बनाए […]
एशिया और विश्व में भारत
एशिया और विश्व में भारत – भारत का प्राचीन नाम आर्यावर्त है। वर्तमान में इसे इंडिया या भारत कहा जाता है। भारत की आकृति चतुष्कोणीय है। यह दक्षिण मध्य एशिया में स्थित है। इसके पूर्व इंडोचीन प्रायद्वीप तथा पश्चिम में अरब प्रायद्वीप स्थित है। भारत अक्षांशीय दृष्टि से उत्तरी गोलार्ध का देश है संपूर्ण भारत […]
विकसित तथा विकासशील देश
वर्तमान विश्व के सभी देशों में आर्थिक विकास का स्तर समान नहीं है। कुछ देश आर्थिक विकास में बहुत प्रगति कर चुके हैं, कुछ देश आर्थिक विकास में बहुत बिछड़ गए हैं, जबकि कुछ देश आर्थिक विकास के उच्च स्तर को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। किस देश को विकसित और किस देश […]
चकबंदी
भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता का एक मुख्य कारण भूमि का उपविभाजन एवं अपखंडन है। उप विभाजन से आशय है- भूमि का छोटे-छोटे टुकड़ों में होना तथा अपखंडन का अर्थ है- छोटे-छोटे टुकड़ों का दूर-दूर बिखरा होना। यह समस्या मुख्य रूप से संपत्ति के उत्तराधिकार के नियमों के कारण बंटवारे से आती है; क्योंकि एक […]
भारत का भूगोल
यहां स्नातक स्तर पर निर्धारित भारत का भूगोल प्रश्न पत्र की चर्चा की गई है। कुछ विश्वविद्यालयों में यह प्रश्न पत्र प्रथम वर्ष में होता है तथा कई जगह पर यह द्वितीय वर्ष में पूछा जाता है। कई विद्यालयों में भारत का भूगोल प्रश्न पत्र बहुविकल्पीय होता है। तो कई जगह पर इस प्रश्न पत्र […]
राज्य का मुख्यमंत्री
जो स्थित केंद्र में प्रधानमंत्री की होती है, ठीक वही स्थित राज्य में मुख्यमंत्री की होती है। वह राज्य मंत्री परिषद का प्रधान होता है। उसकी नियुक्त भारतीय संविधान के अनुच्छेद 163 (1) के अंतर्गत राज्य का राज्यपाल करता है। विधानसभा में जिस राजनीतिक दल का बहुमत होता है,उसके नेता को राज्यपाल द्वारा यह नियुक्त […]
भारत के प्रधानमंत्री
ब्रिटिश संविधान में प्रधानमंत्री का पद परंपरा पर आधारित है, परंतु भारत के प्रधानमंत्री के पद को संविधान द्वारा मान्यता प्रदान की गई है। भारतीय प्रशासन में प्रधानमंत्री को बहुत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।भारतीय संविधान में कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित करते हुए कहा गया है कि राष्ट्रपति अपनी समस्त शक्तियों का प्रयोग मंत्रिपरिषद के […]
लोकसभा रचना संगठन कार्य
लोकसभा रचना संगठन कार्य – लोकसभा संसद का प्रथम और लोकप्रिय तथा जनता प्रतिनिधित्व करने वाला सदन है। इसे निम्न सदन भी कहा जाता है। यह सदन संसद के दूसरे सदन राज्यसभा से अधिक शक्तिशाली है। लोकसभा रचना लोकसभा रचना संगठन में निम्न अंग है- लोकसभा सदस्य संख्या लोकसभा सदस्यों का निर्वाचन लोकसभा सदस्यों की […]
भारत का राष्ट्रपति
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 52 के अनुसार भारत का एक राष्ट्रपति होगा। भारत द्वारा अपनाई गई संसदीय शासन प्रणाली में एक सरकार के समाप्त होने पर दूसरी सरकार बनने में कुछ समय लगता है। इस अंतराल के लिए कार्यपालिका के संवैधानिक प्रधान के रूप में राष्ट्रपति का पद अनिवार्य है। इस प्रकार राष्ट्रपति हमारे देश […]
राज्यसभा की रचना (संगठन)
राज्यसभा संसद का द्वितीय और उच्च सदन है। राज्यसभा की रचना संघीय शासन व्यवस्था के सिद्धांत के अनुसार किया गया है। इस सदन को लोकसभा की तुलना में कम शक्तियां प्राप्त है, परंतु फिर भी इसे सदन का अपना महत्व है। राज्यसभा की रचना (संगठन) राज्यसभा के संगठन से संबंधित विवरण निम्न वत है- सदस्य […]
धर्म तथा समाज सुधार आंदोलन
19वी शताब्दी को विश्व के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह शताब्दी बस भारत के लिए धार्मिक तथा सामाजिक पुनर्जागरण का संदेश लेकर आई थी। इस शताब्दी में भारत पराधीन था और उसका सामाजिक तथा धार्मिक जीवन तीव्र गति से नीचे गिरा रहा था। भारत में धर्म तथा समाज सुधार आंदोलन की आवश्यकता […]
भारत की नदियां
भारत की नदियां भारत को आर्थिक रूप से विशेष बनाती है। नहरें नदियो के जल को सिंचाई हेतु विभिन्न क्षेत्रो तक पहुंचाती हैं। भारत नदियों का देश है। भारत की प्रमुख नदियां निम्नवत वर्गीकृत की जा सकती है- उत्तर भारत की नदियां ब्रह्मपुत्र क्रम की नदियां बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियां अरब सागर […]
गोलमेज सम्मेलन
साइमन कमीशन के सुझाव के अनुसार बढ़ती समस्याओं को सुलझाने के लिए लंदन में प्रथम गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन 12 नवंबर 1930 ईस्वी को लंदन में किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड ने की। इस सम्मेलन में कुल 86 प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिसमें 3 प्रतिनिधि ग्रेट […]
नारी सशक्तिकरण
नारी सशक्तिकरण – परिवार में अगर किसी का सबसे ऊंचा स्थान होता है मां होती है, अपने जीवन से जुड़े सारे निर्णय जिसे स्वयं लेना होता है। उसकी क्षमता का अंदाजा लगाना हमारी बस में नहीं होता महिलाएं परिवार और समाज से बंधन मुक्त होती हैं। नारी के बिना एक अच्छे समाज का निर्माण करना […]
मौर्य साम्राज्य
सम्राट अशोक के कारण ही मौर्य साम्राज्य सबसे महान एवं शक्तिशाली बनकर विश्वभर में प्रसिद्ध हुआ। चंद्रगुप्त मौर्य मौर्य वंश का संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ईसा पूर्व में हुआ था।चंद्रगुप्त मौर्य ने कुटिल राजनीतिग्य के तक्षशिला के आचार्य चाणक्य की सहायता प्राप्त करके मात्र 23 वर्ष की आयु में चाणक्य की सहायता से […]
भारत के वंश
भारत पर कई वंशों ने शासन किया। जिनमे से गुप्त वंश, हर्यक वंश, शिशुंनाग वंश, नंद वंश के बारे में संक्षेप में जानेंगे। गुप्त वंश गुप्त वंश (319ई॰ -550ई॰) के प्रमुख शासकों में- चंद्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त, चंद्रगुप्त द्वितीय, कुमार गुप्त, गुप्त जैसे प्रतापी शासक हुए। उनका शासन लगभग 200 वर्षो चला। कुषाण वंश के अंतिम […]
भारतीय संविधान
भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। संविधान सरकार से लाने का एक लिखित दस्तावेज होता है जिसके आधार पर देश की शासन व्यवस्था संचालित की जाती है। संविधान मिशन की संस्तुतियों के आधार पर भारतीय संविधान का निर्माण संविधान सभा के अंतर्गत किया गया था। इस संविधान सभा का गठन जुलाई 1946 […]
धर्म
धर्म का शाब्दिक अर्थ होता है, ‘धारण करने योग्य’सबसे उचित धारणा, अर्थात जिसे सबको धारण करना चाहिये’। हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, जैन या बौद्ध आदि धर्म न होकर सम्प्रदाय या समुदाय मात्र हैं। शैव धर्म यह भगवान शिव से संबंधित है और इनकी पूजा करने वाले शैव कहलाते हैं। शिवलिंग उपासना का प्रारंभिक पुरातत्व छात्र हमें हड़प्पा संस्कृति से […]
बौद्ध धर्म
बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध थे। जिनका जन्म 563 ईसा पूर्व कपिलवस्तु के निकट लुंबिनी नामक ग्राम में शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। इनकी माता का नाम महामाया था। महात्मा बुद्ध के जन्म के सातवें दिन इनकी माता की मृत्यु हो गई। उनका पालन पोषण इन्हीं की मौसी प्रजापति […]
जैन धर्म
जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी जी थे, इन्हें जैन धर्म का वास्तविक संस्थापक माना जाता है।महावीर स्वामी जी का जन्म 540 ईसा पूर्व वैशाली के निकट कुंड ग्राम में हुआ था।महावीर स्वामी जातिरिक कुल के थे।इनके बचपन का नाम वर्धमान था। इनके पिता का नाम सिद्धार्थ तथा इनकी माता का नाम त्रिशला था। […]
Indian culture uniqueness
Every culture is unique. It has its traditional values, religion, dance, festivals, music, and cloth. This topic involves an abundant number of information because it is almost unlimited. Indian culture is one of the oldest. This country always had an urban civilization. Astonishing cultural diversity throughout the whole country makes one to be amazed. Could […]
प्राचीन धर्म ग्रंथ
भारत के सबसे प्राचीन धर्म ग्रंथ में वेदों का नाम आता है वेदो कि रचना महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास ने कि थी। वेदों में श्लोकों को रचनाएं कहते थे। इनकी संख्या चार है- ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद अथर्ववेद ऋग्वेद यह सबसे प्राचीन वेद है ।इसमें मंडलों की संख्या 10 है। 2 से 7 मंडल सबसे प्राचीन है […]
हड़प्पा सभ्यता
हड़प्पा सभ्यता आद्य ऐतिहासिक काल की सभ्यता मानी जाती है। यह इस काल की सबसे प्राचीन सभ्यता मानी जाती थी। हड़प्पा के लोगों तांबा, टिन को आपस में मिलाकर कांसा बनाने की विधि प्राप्त कर ली थी। कांसा के सबसे अधिक अवशेष लोटा और थाली प्राप्त हुए हैं। हड़प्पा सभ्यता का सर्वप्रथम उल्लेख 1826 ईसवी […]
खेल और खेलो का महत्व
खेल का मुख्य उद्देश्य, शारीरिक व्यायाम है। यह एक प्रसिद्ध उद्धरण है, “एक ध्वनि शरीर में एक ध्वनि दिमाग होता है”। जीवन में सफलता के लिए शरीर का स्वास्थ्य आवश्यक है। अस्वस्थ व्यक्ति हमेशा कमजोरी महसूस करता है, इस प्रकार आत्मविश्वास खो देता है और इसलिए बहुत सुस्त और सक्रिय हो जाता है। स्वस्थ रहने […]
विश्व के महाद्वीप
महाद्वीप सागर तल से एक औसत ऊँचाई तक ऊपर उठे हुए पृथ्वी के क्रमबद्ध विस्तृत भू-भागों को कहते हैं। विश्व में सात महाद्वीप हैं- एशिया अफ्रीका उत्तरी अमेरिका दक्षिणी अमेरिका यूरोप ऑस्ट्रेलिया अंटार्कटिक एशिया महाद्वीप एशिया महाद्वीप विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है जिसके अंतर्गत विश्व की 60% जनसंख्या आती है। इसमें चीन की जनसंख्या […]
संक्रमित रोग
रोग मानव शरीर के किसी अंग द्वारा असामान्य कार्य है। संक्रमित रोग के बहुत से विभिन्न कारण होते हैं। कुपोषण के कारण अल्पहीनता रोग उत्पन्न होता है शरीर द्वारा किसी एंजाइम या हार्मोन उत्पादन के असफलता के कारण भी दो पैदा होता है। सूक्ष्म जीवों द्वारा रोग उत्पन्न होता है। हमारे आस पास बहुत से […]
भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना
अंग्रेज, फ्रांसीसी व अन्य यूरोपीय की तरह भारत में व्यापार करने के लिए आए थे, लेकिन धीरे-धीरे भारत में अपना राज्य स्थापित कर लिया। भारत में अंग्रेजी राज्य के स्थापना की कहानी इस प्रकार है लिए उन्होंने कौन-कौन से तरीके अपनाए। 18वीं शताब्दी में मुगल साम्राज्य की शक्ति क्षीण होने पर प्रांतीय एवं क्षेत्रीय शासकों […]